नवरात्रि के छठे दिन (Navratri 6th Day) माता के अलौकिक स्वरूप मां कात्यायनी (Maa Katyayani) की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी स्वरूप में माता शेर पर सवार, सिर पर मुकुट सुशोभित है. माता की चार भुजाएं हैं. माना जाता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा अर्चना से विवाह में आ रही परेशानी दूर हो जाती है. नवरात्रि के छठे दिन माता के कात्यायनी स्वरूप की पूजा के लिए सुबह नहाने के बाद साफ वस्त्र धारण कर पूजा का संकल्प लेना चाहिए. मां कात्यायनी को पीला रंग प्रिय है इसलिए पूजा के लिए पीले रंग का वस्त्र धारण करना शुभ होता है. मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले पुष्प और भोग चढ़ाएं. माता की आरती और मंत्रों का जाप करें. माता को पीले ंरंग का भोग अति प्रिय है
मां कात्यायनी को शहद और पीले रंग का भोग अत्यंत प्रिय है. माता को शहद से तैयार हलवे का भोग लगा सकते हैं. भोग तैयार करने के लिए कड़ाही में गाय का घी गर्म करें और उसमें सूजी भुनें. दूसरे बर्तन में पानी एक कप पानी चढ़ाएं और उसमें कटे हुए काजू, किशमिश और चिरौंजी डालें. पानी के उबलने पर उसमें भुनी हुई सूजी मिला दें और चीनी की जगह शहद डाल दें. हलवा गाढ़ा होने पर आंच बंद कर इलायची पाउडर मिला दें. आप माता को हलवा की जगह गाय के दूध से पेडे़ बना कर भोग में चढ़ा सकते हैं. पेड़े में पीलापन लाने के लिए आप केसर का इस्तेमाल कर सकते हैं.