श्री राम हनुमान सेवा दल के धर्म प्रचारक ज्योतिष आचार्य पंडित बद्री प्रसाद शास्त्री जी ने बताया कि ज्योतिष गणना के आधार पर , करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त 20 अक्तूबर 2024 को शाम 05 बजकर 45 मिनट से शाम 07 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय- द्रिक पंचांग के अनुसार, करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय शाम 07 बजकर 53 मिनट है।
करवा चौथ हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है, जो पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है। यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और तरक्की के लिए निर्जला उपवास रखती हैं, जिसका पारण चांद निकलने पर किया जाता है। इस बार 20 अक्तूबर 2024 को करवा चौथ मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार व्रत की शुरुआत हमेशा सरगी खाने से की जाती है, जो सूर्योदय से लगभग 2 घंटे पहले तक खाई जाती है। इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार इसी दिन सुबह 06 बजकर 25 मिनट के बाद से लेकर सुबह 06:46 तक भद्रा का साया बना रहेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार भद्रा का वास स्थान स्वर्ग है। मान्यता है कि भद्रा के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इससे अशुभ परिणामों की प्राप्ति हो सकती हैं। ऐसे में आइए करवा चौथ पर पूजा का समय जानते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित बद्री प्रसाद शास्त्री जी ने बताया कि करवा चौथ पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 20 अक्तूबर 2024 की शाम 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त शाम 7 बजकर 02 मिनट तक रहने वाला है। इस दौरान आप विधि विधान से करवा माता की आराधना और कथा सुन सकते हैं।
शुभ योग
ज्योतिष गणना के अनुसार इस वर्ष करवा चौथ के दिन कृत्तिका नक्षत्र और व्यतीपात योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही विष्टि, बव और बालव करण बन रहे हैं। इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा। इस दौरान राहुकाल का समय शाम 16:20-17:45 बजे तक है। वहीं अभिजित मुहूर्त सुबह-11:43-12:28 बजे तक रहेगा।
पूजन विधि
करवा चौथ के दिन सुबह ही स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। अब पूजा करने के लिए सभी सामग्रियों को एकत्रित कर लें। फिर घर के मंदिर की दीवारों पर गेरू से फलक बनाकर करवा का चित्र बनाएं। इसके बाद महिलाएं मुहूर्त के अनुसार पूजा स्थान पर अपना स्थान लें, और करवा माता की कथा सुनें। कथा के बाद सभी बड़ो का आशीर्वाद लें और उन्हें शुभकामनाएं दें।
शाम के समय आप एक चौकी लगाएं, उसपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। फिर उसपर पर करवा माता की तस्वीर स्थापित कर लें, और चौकी के पास एक दीया जलाएं। इस दौरान एक करवा चावल भरकर उसे दक्षिणा के रूप में रख दें। इसके बाद चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। फिर चंद्र दर्शन करें। इस दौरान इसी छन्नी से पति का मुख देखें। अब पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करें। अंत में करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें, और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।
करवा चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर शाम 06:45 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर शाम 04:15 पर हो जाएगा. ऐसे में करवा चौथ व्रत का पालन 20 अक्टूबर 2024, रविवार के दिन किया जाएगा. इस दिन पूजा मुहूर्त शाम 05:45 से शाम 07:05 के बीच रहेगा. वहीं चंद्र दर्शन का समय रात्रि 07:53 बजे होगा. इसी के बाद व्रत का पारण किया जाएगा.
करवा चौथ 2024 शुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार, करवा चौथ व्रत के दिन कृत्तिका नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 8:31 तक रहेगा और इसके बाद रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा. वहीं इस दिन दान-पुण्य के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11:45 से दोपहर 12:30 के बीच रहेगा और संध्या पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05:45 से शाम 07:05 के बीच रहेगा
करवा चौथ के दिन भद्रा दिन में 21 मिनट के लिए ही लगेगा, जिसका वास स्थान स्वर्ग है। 20 अक्टूबर को भद्रा का समय रहेगा सुबह 6 बजकर 25 मिनट से सुबह 6 बजकर 46 मिनट तक।
वैसे तो भद्र स्वर्ग लोक की है परंतु फिर भी यदि आपके मन में बहन हो तो इन 12 भद्रागों के नाम का जाप सिमरन करें
भद्रा के 12 नाम ये हैं:
धन्या, विष्टि, दधिमुखी, कालरात्रि, महामारी, खरानना, भैरवी, असुरक्षयकरी, महाकाली, महारुद्रा, कुलपुत्रिका.