चैत्र नवरात्री ( Chaitra Navratri 2024 ) हिन्दू धर्म के चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शुरू होता हैं चैत्र नवरात्रि के दौरान लोग नौ दिनों तक माँ दुर्गा की नौ रूपों की पूजा करते हैं और उनकी आराधना करते हैं। इसके दौरान भक्त ध्यान, भक्ति और त्याग के माध्यम से अपने आत्मा को शुद्ध करते हैं और भगवान की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस वर्ष यह नवरात्री 9th अप्रैल 2024 से शुरू हो जाएंगे और 17 नवंबर को रामनवमी के साथ पूर्ण होंगे वैसे तो नवरात्री 8 अप्रैल ही रात 11 बजे से shuru जायेंगे पर उदय तिथि 9 april को होने की वजह से 9 अप्रैल को ही घटस्थापना की जाएगी
चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन, जो राम नवमी के रूप में भी जाना जाता है, बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। चैत्र नवरात्रि का महत्व है कि यह वसंत ऋतु के आरंभ के साथ आता है और उत्तेजना, उत्साह और नई ऊर्जा का संचार करता है। इसके अलावा, यह धर्म, संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें हमारी सांस्कृतिक विरासत की महत्वता को समझाता है।
नवरात्रि का नाम ‘नव’ और ‘रात्रि’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इस त्योहार के दौरान, भक्तों को माँ दुर्गा की नौ रूपों की पूजा करनी चाहिए, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। ये नौ रूप माँ दुर्गा के निमित्त कुछ खास गुणों को प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि शक्ति, शांति, संजीवनी, धैर्य, स्नेह, तपस्या, विवेक, ज्ञान, और श्रद्धा।
नवरात्रि के दौरान लोग मंदिरों में जाकर माँ दुर्गा की मूर्ति की पूजा करते हैं और घर-घर में धूप, दीप, और फूलों की बेलें सजाते हैं। ये नौ दिन किसी भी शक्तिपीठ पर्वतों में मनाए जा सकते हैं जहाँ पर्वतों में निवास करने वाली देवी की मूर्तियां स्थापित होती हैं।
नवरात्रि का आयोजन विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से किया जाता है। उत्तर भारत में इसे बड़े धूमधाम और रंग-बिरंगी आत्मा में मनाया जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे ध्यान, ध्यान, और पूजन के रूप में अधिक शांतिपूर्ण रूप में मनाया जाता है।